गुर्दे में पथरी क्यों बनती है?
गुर्दे में बनने वाली पथरी आमतौर पर कैल्शियम-ऑक्सालेट से बनी होती है। यह तब बन सकती है जब शरीर में ऑक्सालेट युक्त आहार की अधिकता हो या कैल्शियम की मात्रा कम हो। पानी की कमी भी इसका एक बड़ा कारण है।
पथरी के लक्षण हर व्यक्ति में अलग हो सकते हैं। कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:
● पेट के ऊपरी हिस्से या बीच में अचानक तेज दर्द
● पीठ और दाहिने कंधे में दर्द
● मतली और उल्टी
● बार-बार पेशाब आना या जलन महसूस होना
1. नारियल पानी:
खाली पेट नारियल पानी पीना किडनी स्टोन के लिए लाभकारी होता है। इसमें मौजूद अल्कलाइन तत्व पथरी को घोलने में मदद करते हैं और उसे बाहर निकालने की प्रक्रिया को आसान बनाते हैं।
2. खीरा:
खीरे में 90% पानी होता है, जिससे शरीर हाइड्रेट रहता है और विषाक्त तत्व बाहर निकल जाते हैं। यह छोटी पथरी को फ्लश करने में सहायक होता है।
3. गाजर का रस:
गाजर के रस में नींबू का रस मिलाकर पीने से यूरिक एसिड नियंत्रित किया जा सकता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और मिनरल्स किडनी को स्वस्थ बनाए रखते हैं।
4. पुदीना:
पुदीने में टेरपिन नामक यौगिक पाया जाता है, जो पित्ताशय की पथरी को तोड़ने में मदद करता है। पुदीने की पत्तियों से बनी पेपरमिंट टी पथरी से राहत दिलाने में सहायक होती है।
5. हल्दी:
हल्दी अपने एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण पित्ताशय की पथरी को बनने से रोकने में मदद कर सकती है। इसे शहद के साथ लेने से अधिक लाभ मिलता है।
6. नींबू पानी:
नींबू में मौजूद विटामिन C पथरी बनने की प्रक्रिया को रोकता है। रोजाना गुनगुने पानी में नींबू मिलाकर पीने से पथरी की संभावना कम हो जाती है।
7. अनार का जूस:
अनार में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट किडनी को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं और पथरी को बनने से रोकते हैं।
● रोजाना 8-10 गिलास पानी पीना
● ऑक्सालेट युक्त खाद्य पदार्थों (पालक, चाय, चॉकलेट) का सीमित सेवन
● संतुलित आहार लेना और अत्यधिक नमक व शुगर से बचना
● नियमित शारीरिक गतिविधि और योग का अभ्यास करना
किडनी स्टोन एक आम समस्या है, लेकिन सही खानपान और जीवनशैली में बदलाव करके इसे रोका जा सकता है। यदि लक्षण गंभीर हों, तो बिना देरी किए डॉक्टर से सलाह लें।